Makka ki kheti kaise karen :- मेरे प्यारे किसान भाइयों एवं बहनों क्या आप भी मक्का की खेती करने के लिए सोच रहे हैं तो मैं आपको बताऊंगा कि मक्का क्या है , मक्का की खेती कैसे किया जाता है , इसमें कितना मुनाफा होता है, Makka ki kheti kaise karen कौन सा बीज बोना चाहिए और मक्का की खेती कौन-कौन से महीने में होता है इन सारी बातों को इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से जानने की कोशिश करेंगे। Makka ki kheti Karne Ka Tarika | मक्का की खेती से कितना मुनाफा हो सकता है | Makka ki kheti kaise karen
1. मक्का क्या है।
मक्का एक प्रकार का खाद्य पदार्थ वाला फसल है जिसका उपभोग मनुष्य तथा जानवर दोनों करते हैं। मक्का की खेती करने के लिए उपयुक्त जलवायु का होना बहुत ही आवश्यक होना चाहिए। मक्का एक प्रकार का पोषण तथा उपोषण जलवायु की फसल है मक्का का खेती खरीफ फसलें के मानसून आने पर ही किया जाता है। साथ ही मक्का की खेती किया जाता है। और यह गर्म वाले जगह पर भी काफी अच्छी मात्रा और काफी अच्छी तरह से उपज हो जाती है। मक्का और पानी का एक अलग ही संबंध है इसलिए मक्का का खेती जब भी किया जाता है तो वसंत ऋतु में सबसे अच्छी फसल होती है वैसे तो मक्का की 12 माह तक होने वाला फसल है और उत्पादन भी हमें ज्यादा मिलता है।
खरीफ फसल :- इस प्रकार के फसल का उत्पादन हम लोग तब करते हैं जब मानसून आता है खरीफ फसल में जो फसल लगाई जाती है वह जून से जुलाई महीने में लगाई जाती है यानी कि बोई जाती है। और इस फसल की कटाई लगभग अक्टूबर से नवंबर आते-आते काटी लि जाती हैं। इसमें मुख्य प्रकार के फसल कुछ इस प्रकार से आते हैं जैसे – धान , मक्का, मूंगफली इत्यादि इसके प्रमुख फसल है।
2. मक्के की बुआई कैसे करें।
अच्छे मक्का की उपज पाने के लिए मक्के की बुवाई करते समय आप स्पेशल पौष्टिक आहार जरूर डालें क्योंकि जितनी भी हाइब्रिड की मक्का होती है उसमें उसको उर्वरक की मात्रा की ज्यादा आवश्यकता पड़ती है। तभी वे अच्छा उत्पादन दे पाता है। तो आप इसके स्पेशल डोज के रूप में बुवाई के समय 20 से 25 किलोग्राम यूरिया , 65 से 70 किलो डाई अमोनियम फास्फेट (DAP ) और 30 से 35 किलोग्राम पोटाश का उपयोग अवश्य करें। या फिर अगर आपके पास पशु यानी गाय, भैंस या बैल है तो उसका गोबर का भी उपयोग आप मक्का की बुवाई के पहले खेत में मिला सकते हैं। इसको डालने से फसल की मात्रा बढ़ जाती है तथा इसके पौधों में हरियाली आ जाती है। और फसल का उत्पादन भी ज्यादा होता है अगर आप गोबर का खाद नहीं दे पाते हैं तो आप सगरीका वोल्ट एंजाइम का भी उपयोग कर सकते हैं। जिससे आपको मक्का का खेती में करने में काफी मदद मिलेगी और इसके हाल मोटे तथा सुडोल एवं अच्छे होंगे।
3. मक्के की खेती के लिए उर्वरक का इस्तेमाल कब किया जाता है।
जब फसल जमीन के बाहर यानी 2 से 3 फीट का हो जाए तब इसमें लगभग 35 से 40 किलोग्राम यूरिया और डाई अमोनियम फास्फेट (DAP ) का उपयोग करना चाहिए ( अपने खेत के क्षेत्रफल के अनुसार ) उसके बाद जब मक्के के पौधे कुछ बड़ा हो जाए और फूल देने लगे तब उसमें फिर से यूरिया 40 से 45 किलोग्राम देना होगा। क्योंकि उसी समय मक्का में अधिक पोषण की आवश्यकता होती है तो उस समय आप यूरिया का उपयोग करें। अगर खेत थोड़ा सुखा है तो उससे पटवन कर दें ताकि दाना बड़ा और स्वस्थ हो। makka ki kheti kab aur kaise kare
मक्का को किस प्रकार बोना चाहिए – मक्का को आप जब भी बुआई करें रहे हैं तो उसे लाइन में रोपे जिससे आपको मुख्य रूप से दो फायदा मिलता है।
(1) अगर आप मक्का का कुड़ाई करते हैं उसमें काफी मदद मिलेगी और आप हर एक फसल का काफी अच्छी तरह से ध्यान भी रख सकते हैं। जैसे खाद देने में और दवाई का छिड़काव करने में दिक्कत नहीं होती है।
(2) मक्के को लाइनो में रोपने से फायदा यही होता है कि लाइन में होने के कारण जब तेज हवा आती है तो वह आसानी से पार कर जाता है जिससे फसल गिरने से बच जाता है इससे नुकसान भी कम होता है।
(3) मक्के को लाइन में रोपने से सबसे मुख्य फायदा यह होता है कि इन सभी मक्के के पौधे में समान पोषक तत्व मिलते हैं। जिससे मक्का का हर एक पौधा समान आकार में बढ़ता है और वह सब समान पैदावार भी प्रदान करता है इससे किसानों को ज्यादा फायदा भी होता है।
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अब आपको बताएंगे कि मक्का का लाइन की एक दूसरे के बीच की दूरी कितनी होनी चाहिए। पौधे पौधे के बीच की दूरी कितनी होनी चाहिए और अच्छी मक्का (भुट्टा) का उत्पादन करने के लिए क्या करना चाहिए। मक्का का अधिक उत्पादन के लिए मक्का की एक लाइन से दूसरे लाइन के बीच की दूरी लगभग 40 से 45 सेंटीमीटर की दूरी होना चाहिए ताकि आप उस पौधे के जड़ को अच्छी तरह से उर्वरक क्षमता को जांच कर सके। और पौधे से पौधे की बीच की दूरी 20 से 25 सेंटीमीटर होना चाहिए जिससे जो मक्का का उपाय होता है वह बहुत ही अच्छे मात्रा में होता है। makka ki kheti kaise ki jaati hai
मक्के की अच्छी उपज लेने के लिए फसल में जो खरपतवार नीचे गिरता है उसे बिल्कुल भी ना होने दें। इसके लिए आप पर्याप्त नमी के खेतों में मक्का का बीज रोपण ताकि सिंचाई के लिए आपको 20 से 25 दिन बाद करनी चाहिए। इससे क्या होगा कि खरपतवार का जमाव कम होगा विशेष जानकारी मक्का की पौधे के जड़ पर आप मिट्टी अवश्य चढ़ाये है इससे फसल गिरती भी नहीं है और पोषक तत्व पौधों की जड़ों के पास अधिक मात्रा में उपलब्ध हो जाती है।
जिससे फसल की पैदावार अच्छी होती है मक्का की खेती आप सालो भर कर सकते हैं लेकिन अच्छी उपज पाने के लिए आप मक्का की खेती साल में दो ही बार करें तो अच्छा है खरीफ की फसल अप्रैल से लेकर जुलाई तक आप कभी भी रोपाई कर सकते हैं और रवि की फसल नवंबर से लेकर फरवरी तक आप कभी भी कर सकते हैं। Makka ki kheti kaise karen
आजकल बढ़ती बेरोजगारी में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो मक्का की खेती कर बहुत सारे पैसे कमाते हैं और यहां तक कि मक्का की बहुत बड़ा भंडारकर यह एक बिजनेस के रूप में बदल दिया गया है भारत के बहुत सारे ऐसे राज्य हैं जहां पर मक्का की खेती की उपज अच्छी मात्रा में होती है जिसके कारण बहुत सारे लोग इसे बाजार में ले जाकर बेचते हैं और इससे कुछ पैसे भी कमा लेते हैं ताकि उनका रोजी-रोटी चल सके makka ki kheti kaise hota hai
प्राचीन काल में मक्का की खेती की उपज अत्यधिक मात्रा में की जाती थी परंतु आजकल मक्का की खेती यानी बोला जाए तो खेती कोई भी नहीं करना चाहते हैं भारत में मात्र 30 से 40 परसेंट ही लोग हैं जो खेती करते हैं और खेती करने पर हैं उनका रोजी-रोटी चल पाती है आपको बता दें कि बढ़ती महंगाई में खेती करने वालों को कोई भी बचत नहीं हो पाता है जिसके कारण अब कोई भी खेती करना उतना पसंद नहीं करते हैं जितना कि प्राचीन काल में यानी पूर्वज लोग करते थे
मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल में मक्का से संबंधित यानी मक्का के बारे में पूरी जानकारियां दी गई है जो कि आपके मन में मक्का से संबंधित जो भी प्रश्न चल रही थी वह सभी प्रश्न का आंसर मिल गई होगी मक्का की खेती से लेकर मक्का की हर एक पॉइंट के बारे में इस आर्टिकल में बताई गई है।
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